Punjab Health System Corporation के सबसे बड़े सिविल अस्पताल जालंधर में हर तरफ अव्यवस्था का माहौल है। सफाई व्यवस्था इस कदर चरमरा गई है कि मरीज यहां ठीक नहीं बल्कि और बीमार हो जाएंगे। अस्पताल में जगह-जगह गंदगी के ढेर लगे हैं वहीं सीवरेज जाम होने के कारण परिसर में जमा पानी बीमारियों को न्यौता दे रहा है जिसका खमियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है।
जालंधर, पंजाब हेल्थ सिस्टम कारपोरेशन के सबसे बड़े सिविल अस्पताल जालंधर में हर तरफ अव्यवस्था का माहौल है। सफाई व्यवस्था इस कदर चरमरा गई है कि मरीज यहां ठीक नहीं, बल्कि और बीमार हो जाएंगे। अस्पताल में जगह-जगह गंदगी के ढेर लगे हैं, वहीं सीवरेज जाम होने के कारण परिसर में जमा पानी बीमारियों को न्यौता दे रहा है।
इसे लेकर उच्चाधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं, जिसका खमियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है। वार्डों के शौचालयों तथा अस्पताल परिसर में गंदगी के चलते लोगों को परेशानियों से जूझना पड़ रहा है।
शवगृह की बदबू से मरीज परेशान
इसके अलावा सोमवार को सप्ताह के पहले दिन धीमी कार्यप्रणाली के चलते गर्मी में मरीजों व उनके स्वजनों को लंबे समय तक लाइनों में खड़े हो कर स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठाना पड़ा। सिविल अस्पताल में सफाई व्यवस्था सही नहीं है। शवगृह के पास कूड़े का बड़ा डंप बन चुका है। वहां फिजियोथैरेपी, जच्चा-बच्चा सेंटर तथा शवगृह की तरफ जाने वाले लोगों को बदबू की वजह से परेशानियों से जूझना पड़ता है।
गंदी चादर उठाकर ले जाते हैं कुत्ते
यहां कुत्ते गंदगी के ढेर से खून से लथपथ डिस्पोजेबल चादरें व कपड़े उठाकर ले जाते हैं। इसकी वजह से वहां से गुजरने वाले लोगों को भी संक्रमण का खतरा बरकार है। जच्चा-बच्चा सेंटर की तरफ से मुख्य इमारत में जाने वाले रैंप के पास लंबे समय से सीवरेज बंद पड़ा है।
मरीजों के साथ-साथ स्टाफ को हो रही दिक्कत
इससे मरीजों के साथ स्टाफ को भी दिक्कत हो रही है। सोमवार को मरीजों तथा उनके स्वजनों को स्वास्थ्य सेवाएं लेने के लिए लंबे समय तक गर्मी में लाइनों में खड़े रहना पड़ा। पर्ची बनवाने के लिए मरीजों व उनके स्वजनों की लाइनें ओपीडी कांप्लेक्स तक पहुंच गई। इसके अलावा ओपीडी कांप्लेक्स, लैब टेस्ट तथा दवाइयां लेने के लिए लोगों को लंबी लाइनों में खड़े होना पड़ा।
भीड़ लगने से लोगों में हुई लड़ाई
इसकी वजह से कई लोग सुविधाओं का पूरा लाभ नही उठा सके। नौकरी पाने के बाद मेडिकल करवाने उम्मीदवारों को भी खासी परेशानियों का सामना करना पड़ा। भीड़ के चलते तीन चार बार लोग आपस में झगड़ते दिखे। इस दौरान बुजुर्गों को खासी परेशानियों से जूझना पड़ा।
सिविल अस्पताल में अव्यवस्था का माहौल, शौचालयों और वार्डों में गंदगी से मरीज परेशान, शवगृह के पास लगे कूड़े के डंप
जांच करवाने में लगते हैं 40 मिनट
बस्ती बावा खेल से आए रोशन लाल का कहना है कि उनके बेटे को बुखार था और दवा लेने के लिए सिविल अस्पताल में आए थे। इससे पहले आम आदमी क्लीनिक से इलाज करवा रहे थे। वहां तैनात स्टाफ की सलाह के बाद अस्पताल में आए, लेकिन यहां भी अधूरी सुविधा ही नसीब हुई। पहले लाइन में खड़े होकर करीब एक घंटा पर्ची बनवाने में लगा और फिर डॉक्टर से जांच करवाने के लिए करीब 40 मिनट इंतजार करना पड़ा। डाॅक्टर ने लैब टेस्ट करवाने की सलाह दी। लैब टेस्ट करवाने के लिए सैंपल देने गए तो खिड़की बंद थी।
इलाज न होने से परेशान हैं लोग
उन्होंने 11 बजे तक ही सैंपल लेने की बात कही। फिर डॉक्टर के पास आए और दवा लिखवाई। अब टेस्ट करवाने के लिए दोबारा आना होगा। इसके बाद दवा लेने के लिए भी गर्मी में इंतजार करना पड़ा। मंहगे इलाज से बचने के लिए सिविल अस्पताल आए, परंतु जहां आने के लिए फैक्ट्री से आधे दिन की छुट्टी लेनी पड़ी और इलाज भी पूरी तरह नहीं हो सका।
सस्ते इलाज के लिए सिविल अस्पताल आए, नहीं हो पाए टेस्ट
सिविल अस्पताल के सीनियर मेडिकल ऑफिसर (एसएमओ) डा. परमजीत सिंह का कहना था कि सप्ताह का पहला दिन होने की वजह से भीड़ बढ़ गई थी। अस्पताल में अज्ञात शव मिलने की वजह से निजी सुरक्षाकर्मी व पंजाब पुलिस के जवान कानूनी कार्रवाई में जुट गए थे। इस कारण काम कुछ हद तक प्रभावित रहा। कुछ समय बाद आकर उन्होंने भीड़ को काबू करने के लिए लाइनें बनवा दी थी। इसके अलावा सिस्टम धीमा होने की वजह से भी काम में विलंब हुआ। हालांकि सभी मरीजों को इलाज प्रदान किया गया।
कर्मचारी बीमारी के कारण छुट्टी पर हैं
कुछ कर्मचारी बीमार होने की वजह से छुट्टी पर हैं और स्टाफ की कमी से काम रुक रहा है। डंप से कूड़ा उठवाने के लिए निगम कमिश्नर के साथ बैठक की जाएगी। इससे पहले निगम को समस्या का समाधान करने के लिए पत्र लिखा जा चुका है। अस्पताल की सीवरेज प्रणाली और शौचालयों के सुधार के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।